Wednesday, May 12, 2010

Eighteen Chapters of Shrimad Bhagwat Geeta

१-अर्जुनविषादयोग
इस अध्याय में अर्जुन द्वारा अपने सम्बंधियों को युद्ध में शत्रु दल में अपने सामने खड़ा देख युद्ध से विमुख हो जाने का वर्णन है, जब श्रीकृष्ण अर्जुन के कहने पर रथ को दोनों सेनाओं के बीच में ले जाते है, तो वहाँ अपने पितामह भीष्म, गुरु द्रोण, कृपाचार्य तथा अन्य मित्रों तथा भाईयों को देखकर उसका मन विचलित हो जाता है और वह युद्ध से विमुख होकर रथ के पिछले भाग में जाकर बेठ जाता है।
२-सांख्ययोग
३-कर्मयोग
४-ज्ञानकर्मसंन्यासयोग
५-कर्मसंन्यासयोग
६-आत्मसंयमयोग
७-ज्ञानविज्ञानयोग
८-अक्षरब्रह्मयोग
९-राजविद्याराजगुह्ययोग
१०-विभूतियोग
११-विश्वरूपदर्शनयोग
१२-भक्तियोग
१३-क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग
१४-गुणत्रयविभागयोग
१५-पुरुषोत्तमयोग
१६-दैवासुरसम्पद्विभागयोग
१७-श्रद्धात्रयविभागयोग
१८-मोक्षसंन्यासयोग

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